Covid19: कोरोना से बचाएगी सुपर दवा “चिडॉक्स-वन”। जाने पुरी खबर
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BBT Times ,
कोरोना अब भागेना भारत में भी बन रही सितंबर तक हो जाएगी उपलब्ध चल रहा है क्लिनिकल ट्रायल उत्पादन भी शुरू
नई दिल्ली, कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है हर दिन मौत का आंकड़ा और मरीजों की संख्या बढ़ रही है इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए विश्व के हर लैब में काम जोरों पर चल रहा है इस वैश्विक महामारी जो एक बड़ी बीमारी का रूप से दुनिया में 22 लाख से अधिक लोग संक्रमित है जबकि डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है विश्व के डॉक्टर्स के सामने सदी की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है कोरोनावायरस कोविड-19
सभी देशों में इस बीमारी का इलाज खोजने के लिए शोध हो रहे हैं भारत भी उन देशों की लिस्ट में शामिल है जहां के वैज्ञानिक कोरोना का उपचार खोजने के लिए शोध कर रहे हैं।
ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में वैक्सीनोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है शुक्रवार को मीडिया से चर्चा करते हुए गिल्बर्ट ने वैक्सीन के सितंबर तक आ जाने का दावा करते हुए कहा कि हम महामारी का रूप लेने वाली बीमारी पर काम कर रहे थे जिसे एक्स नाम दिया गया था उन्होंने कहा कि इसके 12 प्रशिक्षण किए जा चुके हैं हमें 12 से ही इम्यून को लेकर बेहतर परिणाम मिले हैं जबकि आरएनए और डीएनए तकनीक से दो या दो से अधिक डोज की जरूरत होती है।
प्रोफेसर गिलबर्ट ने कहा इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो जाने की जानकारी दी और सफलता का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी एक मिलियन रोज इसी साल सितंबर तक उपलब्ध हो जाएगी उन्होंने कहा कि हमने जोखिम के साथ बड़े पैमाने पर वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की है।
दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कुल 7 मैन्युफैक्चर के साथ मैन्युफैक्चरिंग की जा रही है हिल ने कहा कि साथ मैन्युफैक्चर में से 3 ब्रिटेन 2 यूरोप 1चीन और 1 भारत से हैं। इस साल सितंबर या अधिकतम साल के अंत तक इस वैक्सीन की एक मिलियन डॉग उपलब्ध हो जाएगी उन्होंने कहा कि 3 चरणों के ट्रायल की शुरुआत 510 वालीएंटर्स साथ हो गई है तीसरे चरण तक 5000 घंटे से जुड़ने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि भारत में भी सरकारी तथा निजी लैब में कोरोना को लेकर काफी अनुसंधान किया गया तथा इसके लिए दुनिया भर में भारतीय प्रतिभा का लोहा माना गया कई देशों ने तो भारत में बनने वाली दवा तक मंगवाई है।