बीकानेर के इंजीनियर छात्र ने दोस्त के साथ मिलकर बनाया,कोविड-19 स्केनर। जाने पुरी खबर
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BBT Times ,
मेडिकल स्टाफ को मिल सकती है राहत
कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद के बीच एक राहत भरी खबर बीकानेर मूल के इंजीनियर छात्र किसना और जाने रोपड़ पंजाब की एकता अरोड़ा के साथ मिलकर कोरोनावायरस मरीजों की स्कैनिंग के लिए एक मशीन तैयार की है लॉक डॉन के दौरान कृष्णा ने एकता के साथ मिलकर इस मशीन को ऑटोनॉमस कोविड-19 चैनल नाम दिया है ओझा ने बताया कि इस मशीन से फील्ड में काम करने वाले मेडिकल स्टाफ व पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने की संभावना काफी कम हो जाएगी उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस लाखों लोग की स्कैनिंग की जा रही है इससे कई डाक्टर व अन्य मेडिकल स्टाफ कर्मी पुलिसकर्मी के भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है सरकार द्वारा इन लोगों के बचाव के लिए उन्हें पूरी किट दिया जाना संभव नहीं है ऐसे में हुए कोरोना योजनाओं का बचाव कर सकती है साथ ही व्यापक स्तर पर स्कैनिंग कार्य हो सकता है जो इस महामारी पर अंकुश लगाने के लिए कारगर साबित भी हो सकता है
1:30 मिनट में हो सकती है जान
मशीन के बारे में जानकारी देते हुए बीकानेर के कृष्ण के अनुसार इस मशीन से लोगों की डेज मिनट में स्कैनिंग हो जाएगी इसके लिए मशीन को छूने की जरूरत नहीं मशीन से 50 सेंटीमीटर की दूरी पर संघींद को खड़ा करने से जांच हो जाएगी यह जांच होने के बाद पूरी जानकारी दे देगी इस मशीन से स्कैन तापमान खांसी की जांच में एक्स-रे आदि किए जाते हैं जनरल सर्जन डॉ एके ओझा के पुत्र कृष्ण ओझा ने बताया कि इस मशीन को बनाने में दोनों दोस्तों को करीब 25 दिन लगे हैं आईआईटी सूरत के छात्र कृष्ण ओझा एकता अरोड़ा ने लॉक डाउन के दौरान ही इस मशीन का प्लान बनाया इस मशीन में लैपटॉप अल्ट्रासोनिक सेंसर रोबो मोटर माइक्रो पोलो डॉलर का उपयोग किया गया है।
मंत्रालय को भेजा गया प्रस्ताव
ऑटोनॉमस कोविड-19 चैनल बनाने के बाद प्रधानमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को ट्वीट कर जानकारी दी गई इसके अलावा आईआईटी सूरत के डीन ने भी मानव संसाधन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है यदि यह प्रस्ताव सफल होता है तो स्कैनिंग कार्य में जुड़े लोगों को काफी राहत मिल सकती है उन्होंने कहा है कि यदि आधिकारिक स्तर पर मशीन को तैयार करवाया जाए तो लग लागत भी काफी कम आएगी और एक ही मशीन द्वारा कई लोगों की स्कैनिंग की जा सकेगी।
