राहुल गांधी ने दिखाया संकट के समय एक जिम्मेदार विपक्षी पार्टी को कैसे व्यवहार करना: शिवसेना
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BBT Times , महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना ने कहा कि राहुल गांधी ने सार्वजनिक हित में यह रुख अपनाया.शिवसेना के मुताबिक, राहुल गांधी ने यह कहकर राजनीतिक परिपक्वता का प्रदर्शन किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यह उलझने का समय नहीं है क्योंकि देश को एकजुट होकर महामारी के खिलाफ लड़ने की जरूरत है.अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है कि राहुल गांधी और पीएम मोदी को देश के फायदे के लिए महामारी पर एक दूसरे से चर्चा करनी चाहिए.
शिवसेना ने कहा है,राहुल गांधी के बारे में कुछ राय हो सकती हैं. पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बारे में भी राय हैं. बीजेपी की आधी सफलता राहुल गांधी की छवि को धूमिल करने के कारण है. यह आज भी जारी है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी शिवसेना ने कहा, लेकिन राहुल गांधी ने मौजूदा संकट के बीच जो रुख अपनाया है, उसके लिए उनकी तारीफ होनी चाहिए. उन्होंने एक आदर्श आचार संहिता बनाई है कि देश जब संकट में हो, तब एक विपक्षी पार्टी को किस तरह व्यवहार करना चाहिए.
इसके अलावा शिवसेना ने कहा कि राहुल ने कोरोना वायरस के खतरे को पहले से ही अच्छी तरह से पहचान लिया था और लगातार सरकार को जरूरी कदम उठाने की चेतावनी दी थी. महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के साथ सत्ता साझा करने वाली शिवसेना ने कहा कि राहुल गांधी ने जब कहा कि उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मतातंर हो सकते हैं लेकिन यह वक्त लड़ने का नहीं है बल्कि महामारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की जरूरत का है, तब उन्होंने लोक हित में पक्ष रखा और राजनीतिक परिपक्वता दर्शाई.पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि गांधी और मोदी को देश के फायदे के लिए वैश्विक महामारी पर आमने-सामने चर्चा करनी चाहिए.
पार्टी ने कहा,लेकिन मौजूदा संकट में गांधी के रुख के लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए. उन्होंने आदर्श आचार संहिता सामने रखी है कि किसी विपक्षी पार्टी को संकट के वक्त कैसे बर्ताव करना चाहिए. शिवसेना ने कहा, गांधी ने पहले ही कोरोना वायरस के खतरे को भांप लिया और सरकार को जरूरी कदम उठाने के लिए लगातार आगाह करते रहे. जब हर कोई कांग्रेस नीत मध्य प्रदेश सरकार को गिराने में व्यस्त था तब गांधी सरकार को कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए जगा रहे थे. संपादकीय में कहा गया कि गांधी ने बार-बार सरकार से कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में जरूरी चिकित्सीय उपकरण के निर्यात को रोकने की अपील की थी. पार्टी ने कहा, बृहस्पतिवार को एक बार फिर गांधी ने कहा कि यह लड़ने का समय नहीं है.
उन्होंने कहा कि उनके मोदी के साथ मतभेद हो सकते हैं लेकिन यह इसका समय नहीं है.उन्होंने कहा कि हमें कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग में एकजुट होने की जरूरत है और अगर हम झगड़ा करेंगे, हम इसमें सफल नहीं हो पाएंगे. शिवसेना ने कहा कि गांधी के विचार सरकार और विपक्षी पार्टियों के लिए “चिंतन शिविर” की तरह हैं और यह देश को फायदा पहुंचाएगा. संपादकीय में कहा गया,गांधी के विचार सुनने के बाद हमें लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी को कोरोना वायरस संकट पर कम से कम एक बार सीधी वार्ता करनी चाहिए.