अमरनाथ कि यात्रा पर भी पड़ा कोरोना का असर, पहली बार शुरू होने से पहले ही रद्द की गई यात्रा, जाने पूरी ख़बर
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BBT Times ,
बैठक के बाद लिया गया फैसला
जानकारी के मुताबकि जम्मू में राजभवन में बुधवार को हुई एक अहम बैठक में लेफ्टिनेंट गवर्नर गिरीशचंद्र मुर्मू ने यह फैसला लिया है। तय कार्यक्रम के मुताबिक, इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 1 अप्रैल को शुरू होने थे। यात्रा शुरू होने के महीने पहले रूट से बर्फ हटाने का काम हो जाता है, जबकि इस बार वहां अभी भी कई फीट बर्फ मौजूद है।
यात्रा के लिए जहां से श्रद्धालु गुजरते हैं वहां 77 कोरोना रेड जोन हैं
जम्मू में जिस यात्री निवास को अमरनाथ यात्रियों का बेस कैम्प बनाया जाता था, वह इन दिनों क्वारैंटाइन सेंटर बना हुआ है। जम्मू कश्मीर की सीमा को सील किया हुआ है और जरूरी सामान के अलावा किसी भी गाड़ी के आनेजाने की मनाही है। जम्मू-कश्मीर के एलजी और श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के चेयरमैन गिरीश चंद्र मुर्मू की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि पूरी कश्मीर घाटी में जहां-जहां से होकर अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालु गुजरते हैं 77 कोरोना रेड जोन हैं। इसकी वजह से लंगरों की स्थापना, मेडिकल सुविधाएं, कैंप लगाना, सामानों की आवाजाही, रास्ते पर पड़े बर्फ को हटाना संभव नहीं है।
साल 2000 में अमरनाथ श्राइन बोर्ड बनाया गया था
गौरतलब है कि साल 2000 में अमरनाथ श्राइन बोर्ड बनाया गया था। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल/उपराज्यपाल इसके चेयरमैन होते हैं। इससे पहले पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के ठीक 3 दिन पहले सुरक्षा का हवाला देते हुए अमरनाथ यात्रा रोक दी थी। यात्रा रोके जाने तक साढ़े तीन लाख लोग पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके थे। कोरोना को लेकर जम्मू कश्मीर की बात की जाए तो राज्य में 407 कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं, जिनमें से 351 सिर्फ कश्मीर से हैं। जहां से अमरनाथ यात्रा गुजरती है, उस कश्मीर घाटी के 10 जिले कोरोना प्रभावित हैं। चार जिले श्रीनगर, बारामुला, बांडीपोरा और कुपवाड़ा को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है।