विश्व किताब दिवस विशेष “किताब और मैं”
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BBT Times ,
किताबें हमसफर सी हैं मेरी, मैं किताबों के साथ रहता हूँ।
ये मुझे आईना दिखलाती हैं, मैं उजालों के साथ रहता हूँ।।
जब जब भी लड़खड़ाया, सम्भाला मुझे किताबों ने ही,
बस इसलिए मैं इस सहारे पर भरोसा बेहिसाब करता हूँ।।
समंदर हैं ये, खजाना ज्ञान रत्न का है इन किताबों में,
चुनने को मोती ज्ञान का, मैं इनकी लहरों में ही बहता हूँ।।
बिना किसी भेद भाव के, रास्ता सबको दिखाती हैं ये,
किताबों से बेहतर रहनुमां नहीं, मैं ये बार बार कहता हूँ।।
मैं जो भी हूँ इन किताबों की वजह से हूँ ।
किताबें महबूब हैं मेरी, मैं गुणगान इन्हीं का करता हूँ।।
( रामचन्द्र स्वामी अध्यापक बीकानेर)