एक जैसी गलती क्यों दोहरा रहा है पीबीएम, भारी न पड़ जाये यह लापरवाही, इतने दिन क्यों इग्नोर हुई ये महिला संविदा सफाईकर्मी
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BBT Times, बीकानेर
बीकानेर पीबीएम अस्पताल की संविदा सफाईकर्मी स्वीपर को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट होने के बाद बीकानेर में एक बार फिर चिन्ता के बादल उमड़ आये हैं। जयपुर रोड के देवनगर में
जहां यह महिला रह रही हैं, वह बिल्कुल नया इलाका है, देर रात ही इस क्षेत्र से लोगों को स्वास्थ्य विभाग की टीम ले आई है, अब फिर नए सिरे से बीकानेर को कोरोना मुक्त करने की वही कवायद शुरू करनी होगी।
यहां यह बड़ा सवाल है कि जिस पीबीएम अस्पताल में इतना बेहतर इलाज हो रहा है,वहां इतनी बड़ी चूक क्यों हो रही है। वह भी लगातार दूसरी बार। लोहारान क्षेत्र की पहली महिला के संबंध में भी ऐसा ही हुआ था। उसकी मृत्यु के बाद हड़कम्प मचा और नागौर की गर्भवती के मामले में भी वही लापरवाही देखने को मिली है।
पहले भी बड़ी चूक कि नागौर और वह भी नागौर के बासनी गांव से आये मरीज को आते ही संदेह के आधार पर दूसरे मरीजों से अलग क्यों नहीं रखा गया?
पिछले दिनों जो महिला संक्रमित मिली है, वह नागौर की महिला के संपर्क में आने के बाद से ही कोरोना के प्रारंभिक लक्षणों से ग्रसित थी, लेकिन उसकी तरफ किसी का ध्यान ही नहीं गया,यही बड़ी चूक रही।
कायदे से अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आता है तो उसे जांच के दायरे में लिया जाता है। सारे देश मे ऐसा हो रहा है, लेकिन पीबीएम अस्पताल यह करना क्यों भूल गया। अगर इस महिला की नागौर की पॉजिटिव महिला के आसपास भी ड्यटी थी तो उसे क्वारंटाइन क्यों नहीं किया गया, जैसे बहुत सारे दूसरे स्टाफ को किया गया है। क्या इस महिला के प्रति किसी की जिम्मेदारी नहीं थी। किसी की संवेदना नहीं थी। क्या सिर्फ इस वजह से कि ये संविदा सफाईकर्मी थी, अपने हाल पर छोड़ दिया गया?
जब कुछ लोगों को क्वारंटाइन किया गया, तो यह महिला कैसे छूट गई, जो संक्रमित मिली है। इस तरह के सवाल इस बात का संकेत कर रहे हैं कि कोरोना को लेकर पीबीएम अस्पताल में कहीं कोई बड़ी चूक है या लापरवाही है, जिस वजह से बार-बार यहां एक ही तरह की गलती दोहराई जा रही है। अगर ऐसा ही होता रहा तो डॉक्टर्स, स्टाफ और मरीज के लिए खतरा बढ़ जाएगा।