Covid19: 18 मई से नए रंग-रूप वाला होगा लॉकडाउन-4 जाने पूरी खबर
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BBT Times, बीकानेर
मोदी ने कहा- 18 मई से नए रंग-रूप वाला होगा लॉकडाउन-4; अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए 20 लाख करोड़ का स्पेशल पैकेज देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया। प्रधानमंत्री ने 33 मिनट की स्पीच में यह स्पष्ट कर दिया कि 18 मई से लॉकडाउन 4 लागू होगा। उन्होंने कहा कि यह नए रंग-रूप और नए नियमों वाला होगा। मोदी ने कहा कि कोरोना अभूतपूर्व संकट है और इससे उबरने लिए आत्मनिर्भर भारत ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से हमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाएगा। लॉकडाउन के 54 दिन में यह मोदी का पांचवां संदेश था। इससे पहले सोमवार को मोदी ने मुख्यमंत्रियों से करीब 6 घंटे बातचीत की थी।
मोदी का राष्ट्र के नाम 5वां संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘सभी देशवासियों को आदरपूर्वक नमस्कार। कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा समय बीत गया है। इस दौरान तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की दु:खद मृत्यु हुई है। भारत में भी अनेक परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं। मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस किया:* ‘‘साथियो! एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया जिंदगी बचाने में एक प्रकार से जंग में जुटी है। हमने ऐसा संकट न देखा है, न ही सुना है। निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए यह सब कुछ अकल्पनीय है। यह क्राइसिस अभूतपूर्व है, लेकिन थकना, हारना, टूटना, बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए अब हमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है।’’
संकल्प संकट से भी विराट होगा: ‘‘आज जब दुनिया संकट में है तो हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा, हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा। साथियो! हम पिछली शताब्दी से ही लगातार सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है। हमने कोरोना से पहले की दुनिया को, वैश्विक व्यवस्थाओं को देखने समझने का मौका मिला है। कोरोना संकट के बाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं, उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं। विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है, आत्मनिर्भर भारत। हमारे यहां शास्त्रों में भी यही कहा गया है। इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत, एक संदेश, एक अवसर लेकर आई है।’’