मास्क व साबुन जिंदगी के औजार बन गए….. तारा स्वामी, अध्यापिका, कोलासर
1 min read
BBT Times, बीकानेर
देश की सेना हे महासेना है;
महारथी और सारथी के!
सहारे कोरोनावायरस होगा
समय तो चलता है बदलता है
सुना था देखा था हाल ए
वतन कभी जो कहते थे
चलती का नाम गाड़ी आज
वह कहते हैं रुकने का नाम ही
जिंदगानी यह मतलबी युग का सफर निराला
अकेले जीना ही बिंदासफन
दिल तरसे अखियां बरसे पास नहीं तो क्या हुआ
दिल में दबा दबा एहसास तो है शांत मन के चंचल सवाल
समुंद्र में लहरों की तरह उठते हैं क्या है होगा क्या उलझते वसूलते रहते हैं
आंखों की खामोशी मन का सुकून ढूंढने
कोरोना कम खौफ ज्यादा
यह कैसा कोरोना युद्ध का कहर लॉक डाउन होम क्वॉरेंटाइन सैनिटाइज हथियार बन गए मास्क व साबुन जिंदगी के औजार बन गए यह सब आज जिंदगी जीने के औजार में हथियार बन गए
सांसों की कमित जीवन में आज सोशियल डिस्टेंस बन गई।